भारत निर्वाचन आयोग (ECI) जल्द ही पूरे देश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) लागू करने जा रहा है, जिसके पहले चरण में 10 से अधिक राज्यों को शामिल किया जाएगा।

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) जल्द ही पूरे देश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) लागू करने जा रहा है, जिसके पहले चरण में 10 से अधिक राज्यों को शामिल किया जाएगा।

केरल, तमिलनाडु, असम, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी सहित कुछ अन्य राज्य भी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के अंतर्गत शामिल किए जाने की संभावना है।

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित दो दिनी सम्मेलन में राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (Chief Election Officers) के साथ विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया कि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी सहित भारत के 10 से 15 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) लागू किया जाएगा।

विपक्ष शासित राज्यइस बीच तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का विरोध कर रहे हैं।

केरल विधानसभा ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के विरोध में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन (M.K. Stalin) और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerji) ने एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को राज्य में एनडीए सरकार के लिए चुनाव जीतने का अवसर माना जा रहा है।

वहीं दूसरी ओर, असम सरकार और देश के अन्य एनडीए शासित राज्य सरकारों ने इस प्रक्रिया का स्वागत किया है, क्योंकि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को एक सटीक मतदाता सूची सत्यापन प्रक्रिया माना जा रहा है, जो व्यापक मतदाता प्रमाणीकरण के माध्यम से सटीक और धोखाधड़ी-रहित चुनाव सुनिश्चित करती है।

इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अपात्र व्यक्ति विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान मतदाता सूची में शामिल हो।

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) जल्द ही पूरे देश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) लागू करने जा रहा है, जिसके पहले चरण में 10 से अधिक राज्यों को शामिल किया जाएगा।

AASU (All Assam Students’ Union) ने असम समझौते (Assam Accord) के प्रावधानों के अनुरूप विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का स्वागत किया है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने अपने बयान में कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को असम में लागू किया जाना चाहिए, विशेष रूप से नदी किनारे (Char Area) और संदिग्ध मतदाता वाले क्षेत्रों में।

दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) को देशभर में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) लागू करना चाहिए, खासतौर पर उन अवैध बांग्लादेशी प्रभावित नदी किनारे (Char Area) और असम के कुछ जिलों में, जहाँ राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) प्रक्रिया और असम समझौते (Assam Accord) के जटिल चरण अब भी अधूरे हैं।

यह वही समझौता है, जो 1985 में उस समय के असम के मुख्यमंत्री प्रफुल्ल महंत (Prafulla Mahanta) और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के बीच, तत्कालीन मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया (Hiteshwar Saikia) के कार्यकाल में हुआ था।

संवैधानिक जटिलताओं के कारण यह प्रक्रिया अब तक पूर्ण नहीं हो सकी है और एजीपी (AGP) सरकार भी इस मुद्दे को हल करने में विफल रही थी।
इसलिए मतदाता सूची के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को एक आसान और अनोखी प्रक्रिया माना जा रहा है, जो केवल असम बल्कि पूरे भारत में सटीक और धोखाधड़ी-मुक्त चुनाव सुनिश्चित करेगा।

बिहार में, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) पहले ही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) लागू कर चुका है।
हाल ही में सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की जा चुकी हैंजिसमें दावे और आपत्तियां प्राप्त करना, पात्रता दस्तावेजों का सत्यापन, संबंधित सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों तथा राजनीतिक दलों के साथ चर्चा शामिल थी।
सभी वित्तीय जांच और सत्यापन के बाद, ERO और AERO अधिकारियों ने 25 सितंबर 2025 तक बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया पूरी कर ली।

Rita Devi (Richa)
Owner-cum-Managing Editor
DVNA News (Delhi Voice News Agency)

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